हमारी याद आएगीः एक कलम, जिसने नायक और खलनायक को एक कर दिया दिखाया
गाजानी कश्मीरी ‘किस्मत’ (1943) के लेखक थे, जो तीन साल तक कोलकाता के रॉक्सी सिनेमाघर में चली थी। वे ऐसे लेखक थे जिन्होंने हिंदी सिनेमा के नायक में जेबकतरा, बलात्कारी और हत्यारा तक ढूंढ़ निकाला और नायक-खलनायक का फर्क मिटा कर उन्हें अपनी कलम से एक कर दिया था। उन्होंने अशोक कुमार, दिलीप कुमार, अमिताभ बच्चन जैसे तीन सुपर स्टारों को पहली बार नकारात्मक किरदार में पेश किया। नरगिस (तकदीर) सायरा बानो (जंगली), साधना (लव इन शिमला) की पहली फिल्मों का लेखन किया। कश्मीरी की कलम ने और भी कई कमाल किए। आज इस मशहूर लेखक की 112वीं जयंती है।
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