जानें-समझें : ‘ओटीटी प्लेटफॉर्म’ पर निगरानी क्यों पड़ी सेंसर के दायरे की जरूरत
सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में डिजिटल मीडिया पर नियंत्रण टीवी से ज्यादा जरूरी होने की वकालत की थी। इसके बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। सरकार का कहना है कि प्रिंट के नियमन के लिए प्रेस काउंसिल है, न्यूज चैनलों के लिए न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन, विज्ञापन के लिए एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल आॅफ इंडिया है तो फिल्मों के लिए सेंट्रल बोर्ड आॅफ फिल्म सर्टिफिकेशन है। लेकिन डिजिटल माध्यम पर नियमन को लेकर कोई स्वायत्त एजंसी नहीं थी।
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