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जब दिल की बात लेकर पिता के पास जा पहुंचे थे विनोद खन्ना, बुरी तरह से पड़ गई थी डांट

लेजेंड एक्टर विनोद खन्ना 60 के दशक में फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री मार चुके थे। एक्टर सुनील दत्त विनोद खन्ना को बॉलीवुड में लाए थे। फिल्म ‘मन का मीत’ में सुनील दत्त ने ही विनोद खन्ना को काम दिलवाया था। उस वक्त विनोद खन्ना पर सुनील दत्त को पूरा-पूरा भरोसा था कि ये लड़का आगे जाकर कुछ अच्छा करके दिखाएगा। ऐसा हुआ भी, लेकिन एक वक्त था जब फिल्मी दुनिया में एंटर होने के लिए विनोद खन्ना को अपने घर की चौखट पार करनी थी। लेकिन बिना पिता की इजाजत के वे ऐसा नहीं कर सकते थे।

ऐसे में विनोद खन्ना ने अपने पिता से एक दिन हिम्मत कर इस बारे में बात कर ही ली। विनोद खन्ना पर फिल्मी पर्दे का जादू चढ़ चुका था। वह भी देव आनंद, राजेश खन्ना और सुनील दत्त की तरह फिल्मों में काम करने की इच्छा मन में लिए फिर रहे थे। 18 साल की उम्र में एक दिन जब वह अपने पिता के पास पहुंचे तो उन्होंने अपने दिल की बात पिता के साथ शेयर की। विनोद खन्ना के पिता पेशे से बिजनेसमैन थे, तो जाहिर सी बात है उनकी इच्छा थी कि उनका बेटा आगे चलकर उनका बिजनेस संभाले।

विनोद खन्ना ने एक इंटरव्यू में इस बारे में जिक्र किया था। उन्होंने बताया था कि जब पहली बार उन्होंने अपनी ख्वाहिश के बारे में पिता को बताया था तो उनके पिता का क्या रिएक्शन था। विनोद खन्ना ने बताया था- ‘जब मैंने अपने पिता से कहा था कि मैं फिल्म इंडस्ट्री जॉइन करना चाहता हूं, शायद मैं उस वक्त 18-19 साल का था। तो मेरे घर में बवाल हो गया। बस मुझे घर से बाहर नहीं फेंका गया था, बाकि सब कुछ हुआ, मुझे बहुत डांट पड़ी थी।’

उन्होंने बताया था- ‘वे इस चीज के सख्त खिलाफ थे, मैं भी अपनी बात पर अड़ा था कि मैं भाई ये बनना चहता हूं, मुझे बनना है, मुझे करने दीजिए ये। हालांकि उसके बाद वे काफी सपोर्टिव हो गए। लेकिन उससे पहले वे नहीं चाहते थे कि मैं फिल्मों में काम करूं। मेरी मां ने हमेशा मेरा प्रोत्साहन बढ़ाया। मेरे पिता को थोड़ी इस बात की घबराहट थी कि कैसे होगा ये सब।’

उन्होंने आगे कहा था- ‘मैं एक बिजनेस फैमिली से आता था। वो पूरी तरह से प्रिपेयर थे कि मैं बिजनेस जॉइन करूंगा। लेकिन उनका बेटा फिल्मों की ‘गंदी’ दुनिया (बैड वर्ल्ड ऑफ फिल्म्स) की तरफ जा रहा था। लेकिन वह मेरे प्रति बहुत अच्छे थे, स्वीट थे। कुछ वक्त के बाद उन्होंने अपना रवैया और सोच इस तरफ बदली। मुझे जब धीरे-धीरे सक्सेस मिलनी शुरू हो गई थी, तो मेरे पिता को भी लगा कि ठीक है, जिंदगी में कुछ नया कर रहा है और जो मुझे मिल रहा है मैं उसका हकदार हूं।’

विनोद खन्ना ने जब अपने करियर की शुरुआत की तो वह सबसे पहले विलेन के किरदार में नजर आए, हालांकि 6 महीने के अंदर उन्होंने अपनी इमेज पर्दे पर बदल डाली और मेन स्ट्रीम हीरो बन गए। उस वक्त अमिताभ बच्चन और विनोद खन्ना के बीच कड़ा मुकाबला था और अकसर दोनों की तुलना भी होती थी कि दोनों में से ज्यादा हैंडसम कौन है।

विनोद खन्ना ने आगे बताया था- ‘असल में वो वक्त ऐसा था कि किसी के भी माता-पिता नहीं चाहते थे कि उनका बच्चा फिल्मी लाइन में जाए। ये दुनिया उस वक्त बहुत बुरी दुनिया मानी जाती थी अब तो सब कुछ बहुत अच्छा हो गया है।’

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