कोरोना के कमजोर पड़ते ही मजबूत हुआ बालीवुड
आरती सक्सेना
बालीवुड कोरोना के खौफ से धीरे-धीरे बाहर निकल रहा है। प्रतिबंधों में ढील से बालीवुड के निर्माता खुश हैं। आज से संजय लीला भंसाली की ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। भंसाली ने लंबे समय तक सिनेमाघरों में इस फिल्म को रिलीज करने के लिए इंतजार किया। भंसाली की तरह आदित्य चोपड़ा तथा कई और निर्माताओं ने भी सिनेमाघरों में अपनी फिल्में रिलीज के लिए लंबा इंतजार किया। अधिकतर निर्माताओं ने अपनी फिल्मों के प्रदर्शन की घोषणा कर दी है। माना जा रहा है कि बालीवुड के खजाने में दर्शकों को देने के लिए बहुत कुछ है।
कोरोना के घटते मामलों के साथ ही देश में सिनेमाघरों की रौनक बढ़ती जा रही है। बालीवुड को उम्मीद है कि सिनेमाघरों और फिल्मों की शूटिंग पर जो पाबंदियां लगाई गर्इं हैं वे भी जल्दी ही हटा ली जाएंगी। इस साल लगभग डेढ़ महीने बाद 11 फरवरी को ‘बधाई दो’ के प्रदर्शन के साथ सिनेमाघरों को नई फिल्में भी मिलने लगीं और देखते ही देखते यह कारोबार पटरी पर लौटने लगा। संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ आज से रिलीज होने जा रही है। इसके साथ ही दूसरे निर्माताओं ने भी अपनी अपनी फिल्में रिलीज की घोषणा कर दी है। इस साल कई फिल्मों में टकराव देखने को मिलेगा क्योंकि दो साल से फिल्मों का प्रदर्शन बाधित होने से फिल्मों का ढेर इकट्ठा हो गया है।
नए सिनेमाघरों की जरूरत
भारत में लगभग साढ़े नौ हजार स्क्रीन (सिनेमा परदे) हैं। कुछ मल्टीप्लेक्स में, कुछ सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों में। इसके मुकाबले चीन में 75 हजार और अमेरिका में 44 हजार स्क्रीन हैं। इसी से साफ हो जाता है कि इस देश के प्रदर्शन क्षेत्र में नएसिनेमाघरों के लिए कितनी संभावनाएं हैं। इसी संभावना तो ताड़ते हुए पीवीआर के मालिक नए सिनेमाघर बनवाने पर जोर दे रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक देश को तीन गुना ज्यादा सिनेमाघरों की जरूरत है। पुराने सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों को तोड़कर उनकी जगह मल्टीप्लेक्स बनाने का चलन बीते कई सालों से चल रहा है। हालांकि माना जा रहा था कि ओवर द टाप (ओटीटी) का चलन बढ़ने से सिनेमाघरों को नुकसान उठाना पड़ेगा, मगर ऐसा कुछ अभी तक देखने को नहीं मिला है।
सिनेमाघरों में फिल्में देखने की चाह
सिनेमाघरों में फिल्में देखने की चाह दर्शकों में कई विकल्पों के बावजूद बरकरार है। हालिया रिलीज डब हिंदी फिल्म ‘स्पाइडर मैन’ या ‘पुष्पा’ की कामयाबी से एक बार फिर यह बात सामने आई है। 18 फरवरी को रिलीज हुई मराठी फिल्म ‘पावनखिंड’ ने दस करोड़ का कारोबार कर फिल्मवालों को चौंका दिया है। ‘पुष्पा’ या ‘पावनखिंड’ को मिली सफलता बताती है कि ओटीटी सिनेमाघरों के लिए खतरा नहीं हैं और दर्शक सिनेमाघरों में लौटने के लिए तैयार हैं। ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ की हीरोइन आलिया भट्ट कहती हैं,‘गंगूबाई काठियावड़ी’ या ‘आरआरआर’ जैसी फिल्में देखने का मजा तो सिनेमाघरों में ही आता है।’ दुनिया भर के कई फिल्मकार यह बात कह चुके हैं। संजय लीला भंसाली का भी मानना है कि लोग फिल्म का असली आनंद तो सिनेमाघरों में ही ले सकते है। इसी कारण भंसाली ने अपनी फिल्म ओटीटी पर रिलीज नहीं की।
टिकटों के बढ़ते दाम
बीते दो सालों से कोरोना महामारी के कारण सिनेमाघर मालिकों का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। इसलिए इस बात की संभावना जताई जा रही है कि कोरोना के बाद सिनेमा टिकटों के दाम बढ़ाए जा सकते हैं। वैसे भी जब बड़े बजट और लोकप्रिय सितारों की कोई फिल्म रिलीज होती है तो टिकटों के दाम बढ़ा दिए जाते हैं। मशहूर अभिनेता सलमान खान कहते हैं, ‘बीते दो सालों में सिनेमाघर मालिकों को काफी नुकसान उठाना पड़ा। यहां तक कि कुछ समय तो सिनेमाघर पूरी तरह से बंद रखने पड़े। अब हालात सामान्य होने के साथ दर्शक सिनेमाघरों में लौट रहे हैं। जाहिर है नुकसान वसूली के लिए सिनेमाघर मालिक टिकटों के दाम बढ़ाएंगे। जरूरी यह भी है कि इस बढ़ोतरी के दौरान दर्शकों का ध्यान भी रखा जाना चाहिए।’
2022 बालीवुड के लिए होगा फायदेमंद
2022 में कई बड़ी फिल्मों का प्रदर्शन होना है। लगभग सभी बड़े सितारों की फिल्में इस साल रिलीज होंगी। अक्षय कुमार की ‘पृथ्वीराज’, अमिताभ बच्चन और रणवीर कपूर की ‘ब्रह्मास्त्र’, जूनियर एनटीआर-रामचरन की ‘आरआरआर’, यश की ‘केजीएफ2’, प्रभास की ‘राधेश्याम’, ऋत्विक की ‘विक्रम वेधा’, शाहरुख खान की ‘पठान’, आमिर खान की ‘लाल सिंह चड्ढा’ जैसी फिल्में दर्शकों को देखने को मिलेंगी। ‘स्पाइडर मैन’ की सफलता ने हालीवुड और ‘पुष्पा’ की सफलता ने दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को बालीवुड की ओर आकर्षित किया है। इसलिए इस साल हिंदी में डब फिल्मों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो सकता है।
The post कोरोना के कमजोर पड़ते ही मजबूत हुआ बालीवुड appeared first on Jansatta.
from मनोरंजन – Jansatta https://ift.tt/Xyp8JeV
No comments