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फिल्म की शूटिंग के लिए कम पड़ा बजट तो कुत्तों को ही बना डाला चीता, रंग-रोगन से ऐसा बदला रूप को कोई पहचान नहीं पाया

आज आपको बताते हैं उस दौर की बात जब 1991 में धर्मेंद्र, विनोद खन्ना, श्रीदेवी और रजनीकांत की फिल्म 'फरिश्ते' रिलीज हुई थी. इस फिल्म में रजनीकांत गेस्ट अपीयरेंस में नजर आए थे, वहीं धर्मेंद्र, विनोद खन्ना और श्रीदेवी लीड रोल में थे. इस फिल्म के लिए कई बेहतरीन सीन शूट किए गए लेकिन सबसे मजेदार सीन वो था जब विनोद खन्ना और धर्मेंद्र के पीछे चीते दौड़ा दिए गए थे. क्या आप जानते हैं इन चीतों के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है. चलिए आपको बताते हैं कि कैसे पैसों की कमी के चलते धर्मेंद्र और विनोद खन्ना के पीछे चीते दौड़ाए गए थे.

जब धर्मेंद्र और विनोद खन्ना के पीछे दौड़े गए थे चीते

बात है फिल्म 1991 में आई 'फरिश्ते' की. इस फिल्म के क्लाइमेक्स में दिखाया गया था कि धर्मेंद्र और विनोद खन्ना के पीछे चीते दौड़ते हैं. फिल्म शूटिंग के दौरान एक बार ट्रेंड चीतों को बुला लिया गया लेकिन उस समय फिल्म की शूटिंग पूरी नहीं हो पाई और उसे दूसरे दिन के लिए शेड्यूल किया गया. बजट की कमी के चलते फिल्म प्रोड्यूसर ने हाथ खड़े कर दिए. उस समय इस फिल्म की प्रोड्यूसर सती शौर्य थीं. उन्होंने दूसरे शेड्यूल के लिए चीते बुलवाने से मना कर दिया, जिसके बाद डायरेक्टर और प्रोड्यूसर ने एक अनोखा आइडिया निकला.

कुत्तों को चीता बना कर एक्टर्स के पीछे लगाया

फरिश्ते फिल्म की कहानी में ये सीन बहुत जरूरी था. ऐसे में जब पैसों की कमी के चलते दूसरे शेड्यूल में चीते फिर से नहीं बुलाए गए तो शूटिंग लोकेशन पर कुछ लैब्राडोर कुत्तों को बुलाकर उन्हें चीते के रंग का रंगा गया और उसके बाद विनोद खन्ना और धर्मेंद्र ने क्लाइमेक्स सीन को शूट किया गया. इसके बाद दोनों सीन को एडिट करके ऐसे दिखाया गया कि धर्मेंद्र और विनोद खन्ना के पीछे सही में चीते दौड़ रहे हैं. फिल्म रिलीज होने के बाद डायरेक्टर और प्रोड्यूसर विवाद में भी फंसे, लेकिन उसका कुछ मतलब नहीं निकाला. इस फिल्म ने बड़े पर्दे पर अच्छा बिजनेस किया. 



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