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राजेश खन्ना की ‘आराधना’ देख प्रभावित हुए थे टॉम ऑल्टर, नौकरी छोड़ ऐसे बने थे बॉलीवुड के एक्टर

सुपरस्टार राजेश खन्ना साल 1969 की फिल्म ‘आराधना’ से हिंदी सिनेमा जगत पर छा गए थे। इसके बाद उनकी हिट फिल्मों का सिलसिला शुरू हुआ और वो सुपरस्टार बन गए जिनका पूरा देश दीवाना था। राजेश खन्ना शर्मीला टैगोर की इसी फिल्म को देख अमेरिकन स्वीडिश मूल के टॉम ऑल्टर बेहद प्रभावित हुए थे। टॉम राजेश खन्ना की खुमारी में बहुत समय तक डूबे रहे और उन्होंने कई बार उनकी फिल्म देख डाली।

टॉम का जन्म उत्तराखंड के मसूरी में हुआ था। उनके पूर्वज 1916 में अमेरिका से भारत आकर बस गए थे। टॉम पढ़ाई के लिए अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी में भी गए थे लेकिन उनका मन नहीं लगा और वो वापस भारत लौट आए। टॉम ने हरियाणा के एक स्कूल में शिक्षक की नौकरी करनी शुरू कर दी। इसी दौरान टॉम को बॉलीवुड की फिल्मों ने आकर्षित किया। टॉम ने फ़िल्में देखनी शुरू की और राजेश खन्ना की आराधना देखी। उन्हें ये फिल्म बहुत पंसद आई और उन्होंने इसे कई बार देखा।

यही फिल्म देखकर टॉम को एक्टर बनने का ख्याल आया। उन्होंने पुणे के फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया में दाखिला लिया और एक्टिंग की पढ़ाई करने लगे। यहीं उनकी दोस्ती नसीरुद्दीन शाह के साथ हुई जिनके साथ मिलकर टॉम ने कई नाटकों में काम किया। टॉम का फ़िल्मी सफर देव आनंद के साथ शुरू हुआ। देव आनंद ने ही उन्हें सबसे पहला ब्रेक फिल्म ‘साहब बहादुर’ में दिया था। लेकिन टॉम की पहली रिलीज़ बनी फिल्म ‘चरस’ जिसे रामानंद सागर ने बनाई थी।

टॉम के मन में हालांकि राजेश खन्ना का अंदाज़ बस गया था। साल 1975 की फिल्म ‘चमेली मेमसाब’ में टॉम ऑल्टर ने एक अंग्रेज का किरदार निभाया था। इस किरदार को उन्होंने अपने अंदाज़ में राजेश खन्ना बनकर प्ले किया था जिसे लोगों ने खूब सराहा। टॉम को राजेश खन्ना के साथ काम करने की चाह थी और ये मौका उन्हें मिला भी। ऋषिकेश मुख़र्जी की फिल्म ‘नौकरी’ में टॉम ने राजेश खन्ना के साथ काम किया।

टॉम ने करीब 300 फिल्मों में काम किया। परिंदा, आशिकी, सरदार आदि फिल्मों में उनके काम के लिए काफी प्रसिद्धि मिली। टॉम का निधन सितंबर 2017 में हो गया था। ‘हमारी पलटन’ उनकी आखिरी फिल्म थी।

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