‘मैंने अपमानित महसूस किया था…’ मनोज बाजपेयी की फीस इस वजह से कर दी गई थी आधी, एक्टर ने सुनाया किस्सा
अभिनेता मनोज बाजपेयी आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। हालांकि एक वक्त ऐसा था जब उन्हें तमाम संघर्ष करने पड़े थे। फिल्म-टेलीविजन उद्योग में अपनी पहचान बनाने के लिए उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। हाल ही में उन्होंने बॉलीवुड में अपने करियर के शुरुआती दिनों को लेकर तमाम बातें कही हैं।
द लल्लनटॉप के साथ बातचीत में, बाजपेयी ने अनुभव सिन्हा द्वारा निर्देशित फिल्म ‘शिकस्त’ की एक घटना को याद करते हुए बताया कि 1990 के दशक के शुरुआत में एक उनका यह एक टेलीविजन शो था, जिसमें निर्माताओं द्वारा उनकी फीस आधी कर दी गई थी।
मनोज ने बताया कि अनुभव जिस शो का निर्देशन कर रहे थे, उसमें अनुभव ने एक चीज किया था कि मुझे मनोज बाजपेयी चाहिए किसी भी रोल में, तो उसने मेरे लिए गूंगे का रोल क्रिऐट किया। मुझे बहुत दिलचस्प लगा कि जो विनीत माफिया का किरदार निभा रहा है उसका राइट हैंड आदमी गूंगा है। जो बोलता नहीं है। वो राइट हैंड सबसे बड़ा सेवक भी वही है, और खतरनाक भी वही है।
मिले थे आधे पैसे: इसके साथ ही उस समय पैसों को लेकर संघर्ष को याद करते हुए मनोज बाजपेयी ने बताया, “उस समय शूटिंग पर जाते तो लाइन में खड़े होते हैं, शूटिंग का एक नियम होता था कि 100 रुपए कन्वेंस के मिलेंगे, वो 100 रुपये हमारे लिए बहुत बड़ी चीज होती थी। वो एकदम डिवाइडेड होता था कि इतने का चिकन चाउमीन आएगा और इतना रिक्शा में जाएगा”
आगे उन्होंने बताया, लेकिन चार एपिसोड हो गया…हम तो भुखमरी की स्थिति में थे, हमें लगा कि चार एपिसोड है उसके बाद पैसा मिलेगा, तब तक 100 रुपये जो है हमें एहसास नहीं होने देगा कि हम ग़ुर्बत में हैं। अब चार महीने के बाद मैं पैसे के लिए गया तो प्रोड्यूसर ने कहा तुम्हारा 4000 रुपये पर एपिसोड है और तुमको 4 हजार रुपये हर एपिसोड के लिए क्यों मिलना चाहिए? मैंने कहा ये तो आप लोगों ने ही फिक्स किया हुआ है। मुझे क्या पता क्यों मिलना चाहिए और क्यों नहीं मिलना चाहिए।
इसपर आगे उन्होंने कहा कि तुमको भी बाकियों की तरह 2 हजार रुपये ही मिलने चाहिए। इसपर मनोज ने कहा कि आपने ही फिक्स किया था, तो प्रोड्यूसर ने कहा कि अनुभव ने कहा था कि डायलॉग बोलने के लिए 4 हजार देने हैं, बताओ तुम्हारा कहां है डायलॉग? जब डायलॉग ही नहीं है तो फिर उसमें आधा होगा न पैसा।
बेहद अपमानित महसूस किया: मनोज ने बताया कि उस दौरान जब उसने बोला न तो मैंने कई तरीके से अपमानित महसूस किया। एक अभिनेता के तौर पर, एक अभिनेता के पूरे क्राफ्ट को लेकर और इतना सारा काम करने के बाद फिर ग़ुर्बत भी है। कुर्सी पर बैठे इस आदमी को समझ भी नहीं आ रहा है कि यह व्यक्ति 4 एपिसोड कर चुका है। उसके काम को ये पूरे तरीके से रिजेक्ट कर रहा है और ये कहकर कह रहा है कि मैंने कोई काम ही नहीं किया। मुझे सच में लगा कि मैं कूद जाऊं, मैं इसके ऊपर छलांग लगा दूं , लेकिन भगवान ने शायद रोक दिया क्योंकि मंजिल मेरी कहीं और है।
आगे अनुभव को लेकर मनोज ने बताया, “मैं चाहता था कि उस व्यक्त अनुभव मेरे लिए स्टैन्ड ले। जो कि वो कहता है कि उसने मेरे लिए स्टैन्ड लिया था लेकिन मुझे नहीं पता है। मैं उस व्यक्त इतना नाराज हुआ था कि अनुभव से बात करना बंद कर दिया था।”
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