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450 घंटे की फुटेज के बाद इस तरह बनी 40 मिनट की 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स', जानें ऑस्कर जीतने वाली डॉक्यूमेंट्री की ये खास बातें

भारतीय सिनेमा के लिए साल 2023 बेहद खास रहा है. इस साल भारत ने 95वें अकादमी पुरस्कारों में दो पुरस्कार अपने नाम किए. फिल्म आरआरआर के गाने नाटू नाटू ने बेस्ट ओरिजनल सॉन्ग का पुरस्कार जीता तो, वहीं द एलिफेंट व्हिस्परर्स ने बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फिल्म का पुरस्कार अपने नाम किया है. द एलिफेंट व्हिस्परर्स के ऑस्कर जीतने पर इस डॉक्यूमेंट्री की प्रोड्यूसर गुनीत मोंगा ने एनडीटीवी से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने द एलिफेंट व्हिस्परर्स के बारे में बताया कि उन्होंने इस फिल्म को कैसे प्रोड्यूस किया. 

गुनीत मोंगा ने बताया है कि द एलिफेंट व्हिस्परर्स की कहानी पर डॉक्यूमेंट्री की निर्देशक कार्तिकी गोंजाल्विस ने करीब 5 साल पहले काम शुरू कर दिया था. इसके बाद उन्होंने गुनीत मोंगा और नेटफ्लिक्स के साथ इस पर काम किया, जिसके बाद फिल्म बनकर तैयार हुई. गुनीत मोंगा ने बताया है कि द एलिफेंट व्हिस्परर्स की 450 घंटे की फुटेज थी, जिसमें लंबी एडिटिंग के बाद इसको 40 मिनट की एक शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाया गया था. 

गुनीत मोंगा ने कहा, '5 साल पहले कार्तिकी गोंजाल्विस ने यह कहानी ढूंढी. फिर उन्होंने एक ट्रेलर बनाया. उन्होंने वह ट्रेलर मुझे और नेटफ्लिक्स को दिखाया जो काफी खूबसूरत था. जिसके बाद हमने काम करने का फैसला किया. जिसके बाद फिल्म का बनाने का सफर करीब साढ़े तीन साल चला. हमारे पास 450 घंटे की फुटेज है. जिसमें से हमने 40 मिनट की यह डॉक्यूमेंट्री बनाई है. इसके एडिट पर काफी काम हुआ है. हमने अलग-अलग मौसम के हिसाब के फिल्म को शूट किया.' इसके अलावा गुनीत मोंगा ने और भी ढेर सारी बातें की है. 



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