पहला सुपर स्टार जिसने लगातार दी 17 हिट फिल्में...लेकिन कुछ ही सालों में खो दिया स्टारडम
बॉलीवुड एक्टर्स आज बैक-टु-बैक हिट देने के लिए स्ट्रगल करते हैं...लेकिन भारत के पहले सुपरस्टार ने लगातार यानी कि एक के बाद एक 17 हिट फिल्में दीं और अपनी परफॉर्मेंस से दर्शकों को इनता इंप्रेस कर दिया कि हर तरफ उन्हीं के नाम के चर्चे थे...लेकिन ये स्टारडम ज्यादा लंबे समय तक नहीं चला...महज तीन साल बाद ही वो टॉप स्टार का टैग खो चुके थे. अलग-अलग रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि उन्होंने अपने करियर में 180 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और 1970 से 1987 तक वो सबसे ज्यादा फीस लेने वाले एक्टर थे. इनका नाम राजेश खन्ना है.
29 दिसंबर, 1942 को अमृतसर, पंजाब में जन्मे राजेश खन्ना का असली नाम नाम जतिन चुन्नीलाल खन्ना था. उन्हें फैन्स अलग-अलग नामों से पुकारते थे जैसे काका, शहजादा, रोमांस के ओरिजनल किंग, भारत का पहला सुपरस्टार. वह भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे पॉपुलर एक्टर्स में से एक हैं.
राजेश खन्ना ने 1965 में फिल्मों में एंट्री ली. उनकी पहली फिल्म थी राज. IMDb के मुताबिक राजेश खन्ना ने हिंदी सिनेमा में सिंगल हीरो के तौर पर सबसे ज्यादा फिल्में और सबसे कम मल्टी-स्टार कास्ट फिल्में बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया. राजेश खन्ना ने पहली बार सक्सेस का स्वाद तब चखा जब उनकी तीन फिल्में आखिरी खत, राज, औरत बड़ी हिट रहीं. उनके स्टारडम का अंदाजा सबको तब हुआ जब 'बहारों के सपने' फिल्म की सैड एंडिंग पर फैन्स नाराज हुआ. उनकी नाराजगी की वजह से डायरेक्टर को फिल्म को एक हैप्पी एंडिंग देनी पड़ी. 1969 में शक्ति सामंत की 'आराधना' के बाद तो वह सुपरस्टार बन गए. लोगों में उनका क्रेज गजब का था. लोग उन्हें भारत का पहला सुपरस्टार कहने लगे. इसके बाद उन्होंने 1969 से 1971 तक लगातार 17 हिट फिल्में दीं.
उन्होंने 1969 से 1977 तक सुपरस्टार का टैग इंजॉय किया. इसके बाद उन्हें यह टैग अमिताभ बच्चन के साथ शेयर करना पड़ा. उन्होंने 1969 से 1971 तक 3 सालों में लगातार 17 सुपर-हिट फिल्में देने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया. इनमें 15 लगातार सिंगल सुपर-हिट फिल्में और 2 दो हीरो वाली फिल्में अंदाज़ और मर्यादा शामिल थीं.
1976 से 1978 तक राजेश खन्ना ने लीड हीरो के तौर पर 5 बॉक्स ऑफिस हिट, गेस्ट रोल में 3 हिट, गेस्ट रोल में 1 फ्लॉप और मेन लीड के तौर पर उनकी 8 फिल्में फ्लॉप हुईं...हालांकि उनकी परफॉर्मेंस और म्यूजिक अच्छा था. फिल्मों को रिव्यूअर्स ने खूब पसंद किया. ये साल उनका बुरा दौर माना गया. राजेश खन्ना प्रोड्यूसर भी बने और तीन फिल्में बनाईं और 4 फिल्मों को को-प्रोड्यूस किया. एक्टर ने 1991 में राजनीति में शामिल होने के लिए फिल्म इंडस्ट्री छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल होकर संसद सदस्य बने.
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