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एक फिल्म के दो पार्ट, दोनों में 25 गाने, अपशब्दों का जमकर इस्तेमाल- फिर भी रही सुपरहिट, क्या पता है इनका नाम

इन दिनों कई फिल्मों के सीक्वल बनाए जा रहे हैं और कई बार तो फिल्म के पहले पार्ट से ज्यादा फिल्म का सीक्वल पसंद किया जाता है. तो आज हम आपको एक ऐसी फिल्म के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके पहले पार्ट को फैंस का जितना प्यार मिला उसके सीक्वल पर भी लोगों ने उतना ही बेशुमार प्यार लुटाया. खास बात यह है कि फिल्म में अपशब्दों का भरपूर इस्तेमाल किया गया, जमकर हिंसा भी दिखाई गई बावजूद इसके फिल्म के दोनों पार्ट सुपरहिट साबित हुए. अपनी रियल और बेबाक स्टोरीलाइन के लिए फेमस बॉलीवुड डायरेक्टर एक ही नाम से इस फिल्म को बनाया है. क्या आप अब तक इस फिल्म का नाम पहचान पाए हैं.  अगर नहीं तो चलिए आपको बताते हैं देसी अपराध पर बनी फिल्म जिसने विश्व स्तर पर पहचान हासिल की.

अगर आप अब तक इस फिल्म का नाम नहीं पहचान पाए हैं तो आपको बता दें कि ये बॉलीवुड के मशहूर फिल्म मेकर अनुराग कश्यप की सबसे लोकप्रिय फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर है. साल 2012 में फिल्म का जब पहला पार्ट आया तो लोगों के दिलोदिमाग को हिला कर रख दिया. इसके बाद उसी साल अगस्त में फिल्म का दूसरा पार्ट रिलीज किया गया.  फिल्म के दोनों सक्सेसफुल पार्ट में कुल मिलाकर 25 गाने शामिल किए गए. फिल्म का जितना क्रेज उस वक्त था आज भी ओटीटी और यूट्यूब पर इस फिल्म को देखने वालों में उतना ही क्रेज नजर आता है. दोनों फिल्मों में मनोज बाजपेयी, पीयूष मिश्रा, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, पंकज त्रिपाठी, ऋचा चड्ढा और हुमा कुरैशी सहित कई कलाकार मुख्य भूमिका में थे. 

दरअसल बूचड़खाने का सीन प्रयागराज के एक बूचड़खाने में फिल्माया गया था. फिल्म में सुल्तान कुरैशी जिसका किरदार पंकज त्रिपाठी ने निभाया था, यह कहानी डरावने कसाई की है जो 12 साल की उम्र में एक ही दिन में एक भैंस को मार कर उसकी खाल उतार सकता था.  आपको बता दें कि यह सीन रियल लाइफ में एक लड़के को ऐसा करते देख कर डेवलप किया गया था. फिल्म में सरदार, खान के बेटे परपैंडीकुलर और उसका दोस्त 2003 की फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस देखते नजर आते हैं. परपैंडीकुलर की भूमिका करने वाले नवाज उस समय गुमनाम कलाकार थे और संजय दत्त की फिल्म मुन्ना भाई में भी एक पल के लिए नजर आए थे.

फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर में नवाजुद्दीन सिद्दीकी और मनोज वाजपेई के साथ फैंस ने हुमा कुरैशी के किरदार को भी बेहद पसंद किया.  पर आपको जानकर हैरानी होगी कि फिल्म की शुरुआती स्क्रिप्ट में हुमा कुरैशी का किरदार शामिल ही नहीं किया गया था.  बाद में अनुराग कश्यप ने स्क्रिप्ट में बदलाव कर मोहसिना का किरदार डाला जिसे बखूबी हुमा कुरैशी ने फिल्म में निभाया. 

गैंग्स ऑफ वासेपुर ना केवल अनुराग कश्यप और नवाजुद्दीन सिद्दीकी के करियर में मील का पत्थर मानी जाती है. बल्कि ये फिल्म अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी जबरदस्त पहचान बनाने में कामयाब रही थी. 22 मई 2012 को गैंग्स ऑफ वासेपुर को 65वें कान्स फिल्म फेस्टिवल में प्रीमियर किया गया था.  यह उपलब्धि हासिल करने वाले उस वक्त की हिंदी भाषा की यह पहली फिल्म थी.



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